दिपावली 25 सालों से संभल जिले के 3 गांवों में नही मनाई जाती
संभल जिले में तीन गांव ऐसे भी हैं जहां लोग बीते 25 सालों से दीपावली के पर्व को नहीं मनाते हैं, लेकिन दीपावली के दूसरे दिन विधिपूर्वक गोवर्धन पूजा करते हैं। तीनों गांव के एक ही गोत्र के लोग इस परंपरा का लगातार निर्वहन करते चले आ रहे हैं। वह गांव से बाहर होते हैं तब भी इस परंपरा का पालन करते हैं और दिवाली के दिन घरों में रोशनी नहीं करते हैं।
प्रकाशपर्व दीपावली रविवार को है। इस दिन सभी लोग अपने घरों में दीप जलाने के बाद परिवार की सुख समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे। संभल जिले के गुन्नौर क्षेत्र के गांव सैमला गुन्नौर, मखदूमपुर और हदुदा गांव में रहने वाले ओढ़ा गोत्र के यादव दीपावली का पर्व नहीं मनाएंगे। इन तीनों गांवों ओढ़ा गोत्र के लोग अपने घरों को न तो रोशन करेंगे और न ही किसी प्रकार की पूजा करेंगे। दिवाली के दिन भी ओढ़ा गोत्र के लोगों के घरों में सामान्य दिनों की तरह ही दिनचर्या रहेगी।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव निवासी उदयवीर सिंह की करीब 25 साल पहले मौत हो गई थी। उदयवीर की मौत के चलते इन तीनों गांव के लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाना बंद कर दिया। वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी कायम है। गांव के युवाओं का कहना है कि वह भी चाहते हैं कि दीपावली के दिन घर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाकर घर में दीप जलाएं, लेकिन पूर्वजों की परंपरा के कारण वह दीपावली नहीं मनाते हैं।
गांव से बाहर रहकर भी नहीं मनाते दीपावली
संभल। सैमला गुन्नौर के साथ ही हदूदा और मखदूमपुर में ग्रामीण दीपावली के पर्व को नहीं मनाते हैं लेकिन दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा विधिपूर्वक करते हैं। गांव निवासी रामवीर सिंह, विजेंद्र सिंह यादव, अजयपाल, दिनेश कुमार, वीरेंद्र सिंह, सतीश यादव, नौबत सिंह आदि का कहना है कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, हरियाणा समेत दूसरे राज्यों में रहने वाले गोत्र के लोग आज भी परंपरा का पूरी तरह से निर्वहन करते आ रहे हैं। घर से कोसों दूर रहने के बाद भी लोग दीपावली के पर्व को नहीं मनाते हैं।