जालंधर: नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में भाजपा सरकार देश में नफरत व भेद-भाव की सियासत कर रही है: कलीम आज़ाद
हज़़ारों मुसलमानों ने रोष मार्च निकालकर डी.सी को दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
नागरिकता संशोधन विधेयक वापिस लेने की मांग।
रिपोर्ट- अमिता शर्मा, जालंधर
जालंधर। शुक्रवार
नागरिकता संशोधन कानून और NRC की आड़ में भाजपा सरकार देश में नफरत व भेद-भाव की सियासत कर रही है। इसलिए जालंधर के मुसलमान भारत के संविधान में विश्वास रखने वाले आपना रोष प्रकट करने और केन्द्र की भाजपा सरकार को यह बताने के लिए मुस्लिम समाज सड़को पर निकल कर यह बता देना चाहते है कि जब तक यह नागरिकता संशोधन कानून वापिस नहीं ले लिया जाता हमारा संघर्ष जारी रहेगा। आज हमारा संघर्ष से शुरू हुआ है कल दिल्ली तक भी पहुंचेगें। इस का प्रगटावा करते हुए पंजाब मुस्लिम फ्रन्ट के प्रधान और कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग पंजाब के डिप्टी चैयरमैंन मोहम्मद कलीम आज़ाद की अध्यक्षता में मुस्लिम भाईचारे की तरफ से निकाली गई शांति मार्च को संबोधित करते हुए किया। कलीम आज़ाद ने मुस्लिम भाईचारें में जोश भरते हुए कहा कि अब वक्त आ चुका है कि हम सभी एक झुट होकर अपने हक पाने और गरीबो, वनचितों, पिडि़तों और शोषित समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए उठ खड़े हो और वर्तमान की केन्द्र सरकार की तरफ से भेद-भाव और नफरत फैलाने वाले इस नागरिकता संशोधन कानून का मिलजुल कर विरोध करे।
कलीम आज़ाद ने कहा कि हम अपनी चठ्ठानी एकता से केन्द्र सरकार को खबर दार कर रहे है। वह इस काले कानून के पिछे देश को बाटने का षड्यंत्र बंद करे। जरूरी है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को केन्द्र सरकार रद करके देश की एकता और अकंडता को बचाए। श्री कलीम आज़ाद ने कहा कि देश भर में CAA / NRC के खिलाफ हो रहे प्रदशन किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है बल्कि केन्द्र सरकार की संविधान के खिलाफ बनाई गई नितियों के खिलाफ है। कलीम आज़ाद ने कहा कि धर्म को अधार बनाकर बनाया गया नागरिकता कानून देश को भाटने वाला है। उन्होंने कहा कि 1947 में हुए बटवारे के बाद हम इस देश में बाए चांस नहीं बल्कि बाए चॉइस है। कलीम आज़ाद ने डिप्टी कमिश्नर जालन्धर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें कहा कि भारत सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाने पर हम जालन्धर (पंजाब) के मुसलमान बड़ी संख्या में इस ज्ञापन द्वारा अपना आक्रोष व दुख प्रकट करते हुए आपसे अनुरोध करते हैं कि इस विधेयक को तुरंत वापिस लिया जाए। जो संविधान की मूलधारा के विप्रित भेद-भाव पैदा करके देश को विभाजन की ओर लेजाने वाला है। यह विधेयक मौलिक अधिकारों के अनुछेद 14 (कानून के अनुसार समानता का अधिकार) और अनुछेद 15 ( सरकार धर्म, जाति, लिंग, भाषा और क्षेत्र के अधार पर नागरिकों के साथ भेद-भाव नहीं कर सकती) का घौर उलंघन करता है। जिसकी हम घौर निंदा करते हैं। कलीम आज़ाद ने कहा कि देश की धर्म र्निपेक्ष छवि को बचाने के लिए हर प्रकार का बलिदान देने के लिए मुस्लिम समाज के लोग हर वक्त तैयार हैं व बावा साहिब डॉ. अम्वेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में छेड़-छाड़ करने के लिए सरकार को किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं देनी चाहेगें।समाज सेवी अब्दुल सत्तार नकोदर ने कहा कि यह मुल्क किसी के बाप की जांगिर नहीं है हमारे र्पूवजो ने शहादत देकर इस मुल्क को आज़ाद करवाया है आज उनकी आत्मा को ठेस पहुंच रही होगी।
ऐडवोकेट नईम खान ने कहा कि संविधान को बचाने के लिए बलिदान देना भी पड़े तो हम खून के आखिरी कतरे तक पिछे नहीं हटेगें। पंजाब सूफी मंच के प्रधान एस.एस.हसन ने कहा कि काला कानून जब तक वापिस नहीं होगा तब तक विरोध प्रर्दशन करते रहेगें। यह कानून लागू होने से पूरे मुल्क के मुसलमानों भय का माहौल है जिससे खत्म करके ही शांति मिल सकती है। इस अवसर पर प्रधान पंजाब मुस्लिम फ्रन्ट और प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग पंजाब के डिप्टी चैयरमैंन मोहम्मद कलीम आज़ाद , पंजाब सूफी मंच के प्रधान एस.एस.हसन, मजहर आलम खाम्बड़ा, अमजद खान, सरवर गुलाव सब्बा फगवड़ा, इरशाद सलमानी, अली सलमानी, जावेद सलमानी, ऐडवोकेट नईम खान, मदनी मस्जिद के प्रधान अब्दुल सत्तार नकौदर, वाहिद, मो. नय्यर, मुसतफिक, याकूब शाहकोट, सक्कूर मुद्दा, अनीस, नदिम सलमानी, मो. खालिद नकोदर, मो. शमशाद, यासिन, इरफान, कयूम, मोलाना अमानुल्ला कपूरथला, मो. जब्बीर, मो. मन्नान, मो. निराला, गुलफाम सलमानी, मंसूर आलम, निजामुद्दिन मुन्ना, कारी अबू नसर, मो. अली, मो. निहाल, अली अहमद, मोहब्बत अली, सय्यद नासरूद्दिन, हाफिज अदनान, हैदर अली, मो. सलीम, मुख्तार आलम, मो शमी, हाजी जहीर, काशिफ काजमी, कलीम काजमी, मंजर आलम, माशूक, मो. अहमद करतारपुर, आलमगीर, हजूर हुसैन जूड़ी, रहमत अली, सुलेमान सलमानी, मोलाना अब्दुल हकिम, अकबर अली, जिआऊर रहमान, हाजी शकील व अन्य भारी तैदाद में लोग मौजूद थे।