कैराना: इस्लाम धर्म किसी भी प्रकार की तालीम को मना नहीं करता है: नदवी
रिपोर्ट- गुलवेज सिद्दीकी कैराना
शामली। कैराना क्षेत्र के मदरसा नासिरूल उलूम अशरफिया के संरक्षक कारी इस्त्राइल ने कहा कि वर्तमान हालात में बच्चों की शिक्षा बहुत जरूरी है। मुस्लिम समाज में उलमाओं ने महिलाओं की शिक्षा के हवाले से मुसलमानों में जागरूकता पैदा की है।
रविवार को नगर के पानीपत रोड पर स्थित मदरसा इशातुल इस्लाम में अर्द्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें मदरसा नासिरूल उलूम अशरफिया के संरक्षक कारी इस्त्राइल के नेतृत्व में उलमाओं के प्रतिनिधिमंडल ने परीक्षा ली। इस परीक्षा में मदरसे के करीब 300 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। बच्चों ने पवित्र कुरआन, दीनियात, उर्दू के साथ ही प्राइमरी हिदी की भी परीक्षा दी। तत्पश्चात गोष्ठी के दौरान कारी इस्त्राइल ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर बच्चों को हर हाल में शिक्षा देने के लिए आह्वान किया। मौलाना इमरान नदवी ने कहा कि मदरसे की तालीम देखकर उन्हें खुशी हुई है, क्योंकि यहां अरबी, उर्दू के साथ-साथ हिदी तथा अंग्रेजी की तालीम भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म किसी भी प्रकार की तालीम को मना नहीं करता है। इस्लाम धर्म में चरित्र को प्राथमिकता दी जाती है। हाफिज मेहरबान ने कहा कि इशातुल इस्लाम में लड़कों और लड़कियों दोनों की शिक्षा का अच्छा इंतजाम हैं। मदरसे के प्रबंध संचालक मौलाना बरकतुल्लाह अमीनी ने कहा कि कोई भी समाज शिक्षा से ही तरक्की पा सकता है। उन्होंने कहा कि यह 21वीं शताब्दी हैं, जिसमें शिक्षा के बगैर कोई चारा नहीं हैं। इस दौरान मास्टर असद, मास्टर शमशाद, मास्टर दानिश, मास्टर इमरान, मौलाना मोहसिन बदरी, मास्टर समीउल्लाह खान, कारी साजिद, डा. आमिर, हाफिज इंतजार आदि मौजूद रहे।