इस्लाम में जायज नहीं हिंसा: मुफ्ती अतहर
- जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद किया संबोधन
- बोले, दिलों में भरी नफरतों का करें विरोध
कैराना: जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद मुफ्ती अतहर शम्सी ने संबोधन करते हुए कहा कि किसी भी कानून का संवैधानिक तरीके से विरोध किया जा सकता है। इस्लाम में हिंसा कतई जायज नहीं है। उन्होंने कहा, पहले विरोध दिलों में भरी नफरतों का करना चाहिए।
शुक्रवार को जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद संबोधन हुआ। इस दौरान मुफ्ती अतहर शम्सी ने कहा कि इस्लाम धर्म में हिंसा की कतई इजाजत नहीं दी गई है। कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आ चुकी है, लिहाजा किसी भी कानून का विरोध करने से पहले संवैधानिक अधिकारों का ध्यान रखना चाहिए। विरोध ही करना है, तो उसका संवैधानिक तरीके से किया जाए। हिंसा व किसी को भड़काने की कोई कोशिश न हों। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यदि विरोध ही करना है, तो सबसे पहले दिलों में भरी नफरतों का किया जाए। ऐसा कोई कदम न उठाया जाए, जिससे सामाजिक सौहार्द को खतरा उत्पन्न होता हो। उन्होंने सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की।