कैराना: पीडा लेकर लोग जाए कहां, आरोप- शिकायत पर धमकाते हैं मीट प्लांट संचालक जांच को आते है अधिकारी, नहीं होती कार्रवाई


कैराना: पीडा लेकर लोग जाए कहां, आरोप- शिकायत पर धमकाते हैं मीट प्लांट संचालक


जांच को आते है अधिकारी, नहीं होती कार्रवाई



 शामली। कैराना-कांधला रोड पर घनी आबादी के बीच मीम एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड का संचालन किया जा रहा है। मीट प्लांट में दिन-रात पशुओं का कटान होता है। प्रतिदिन छह सौ पशुओं का वध करने की अनुमति इस प्लांट को हैं। हालात इससे जुदा है। प्लांट में मानक से ज्यादा पशुओं का कटान किया जाता है। प्लांट में हड्डी व चर्बी भी गलाई जाती है।


प्लांट की चिमनी से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण बढ़ रहा है।



कटान के बाद पशुओं का खून नालियों में बहाया जा रहा है। अवशेष भी इधर-उधर फेंक दिए जाते हैं। इससे इतनी बदबू है कि प्लांट से सौ मीटर दूर तक खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। भूजल भी लगातार प्रदूषित हो रहा है। इससे प्लांट के आसपास मोहल्लों में संक्रामक रोगों ने पैर पसार लिए हैं। सांस लेने को साफ हवा भी नहीं मिल पा रही है।


जांच को आते है अधिकारी, नहीं होती कार्रवाई



कई बार मीट प्लांट पर प्रशासनिक, प्रदूषण विभाग की टीम छापेमारी कर चुकी है। प्लांट के कार्यालय में बैठकर कागजी कार्रवाई पूरी होती है और प्लांट को क्लीन चिट देकर सभी वापस चले जाते हैं। शुक्रवार को मंडलायुक्त के आदेश पर जांच हुई ओर मात्र छह मिनट में इसे पूरा कर टीम वापस चली गयी। जिन लोगों को जांच के लिए भेजा जाता है वह ही प्लांट की पैरोकारी करते दिखायी देते हैं।


 


पीडा लेकर लोग जाए कहां


मीट प्लांट के खिलाफ जनता आवाज उठा चुकी है। मंडलायुक्त से भी मीट प्लांट की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों ने बताया था कि प्लांट से ग्राम पंजीठ में हेपेटाइटिस-सी बीमारी फैल गयी है। गांव से प्लांट का गंदा पानी और ब्लड मामौर झील में जाता है। लोग मर रहे है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।


आरोप- शिकायत पर धमकाते हैं प्लांट संचालक


जब भी मीट प्लांट के खिलाफ आवाज उठायी जाती है प्लांट मालिकान लोगों को विभिन्न तरीकों से डराते हैं। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इस मीट प्लांट की भी तालाबंदी की गई थी। कुछ ही दिनों बाद फिर से प्लांट का शुरू हो गया।



जनता की आवाज...
मीट प्लांट से मिलें निजात


मीट प्लांट की समस्या इतनी गंभीर हैं कि जरा-सी हवा चलने पर में रोटी खाना भी मुश्किल हो जाता हैं। नलों का पानी पीने लायक नहीं रहा है। मीट प्लांट बंद होना चाहिए।



सलमान राशिद कुरैशी, मोहल्ला दरबारकलां



बोले अधिकारी..


मीट प्लांट के अंदर दूध पीते बच्चों व मादा का वध प्रतिबंधित है। मानक से ज्यादा व बीमार पशुओं या प्रतिबंधित पशुओं का कटना हुआ तो प्लांट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



राजेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी



मीट प्लांट से पशुओं का ब्लड, गंदा पानी नालियों में नहीं बहाया जा सकता है। पशुओं के अवशेष भी खुले में नहीं डाले जा सकते हैं। ऐसी शिकायतों की नगर पालिका परिषद जांच कराएगी और प्रभारी कार्रवई करेगी। प्लांट का धुआं रोकने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को है। वह ही इस पर कार्रवाई कर सकती है।


हेमराज सिंह पुंडीर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद कैराना