शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हो रहे, क्या इससे हो रहा है भाजपा को फायदा?


शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हो रहे, क्या इससे हो रहा है भाजपा को फायदा?



 


 -:खास बातें:-


शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं


प्रशासन कर रहा है समझाने की कोशिश
भाजपा को हो रहा है फायदा : स्थानीय लोग



नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग़ में सीएए, एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। वहां बैठे हुए लोगों  का हौसला हिलने का नाम नहीं ले रहा। लगातार बारिश होती रही, लेकिन यहां बैठे लोग टस से मस नहीं हुए। पुलिस धरना ख़त्म करने की अपील कर रही है। लेकिन यहां लोग अपनी जगह पर बैठे हैं। अब समाज के कुछ लोग ये कोशिश कर रहे हैं कि बीच का रास्ता निकाला जाए। वहीं शाहीन बाग के रहने वाले ही कुछ लोग प्रदर्शनकारियों को समझाने बुझाने में भी लगे हैं। कुछ का कहना है कि वो दो तीन दिन में स्कूल बसों के लिए रास्ता खुलवा देंगे, कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि अब शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन से बीजेपी को फ़ायदा हो रहा है। इस बीच तमाम कलाकार भी आकर अपनी तरफ़ से विरोध दर्ज़ करा रहे हैं , पवन और वीर नाम के दो आर्किटेक्ट मिलकर लोहे का 35 फुट का भारत नक़्शा तैयार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वो लोहे के नक़्शे से देश की मज़बूती को दर्शाना चाहते हैं।  गौरतलब है कि शाहीन बाग इलाके में वाहनों की आवाजाही शुरू करने की मांग को लेकर दी गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कानून व्यवस्था और जनता का हित देखते हुए कार्रवाई किया जाए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों की परेशानी देखते हुए, कानून व्यवस्था के तहत पुलिस कभी भी रोड खाली करा सकती है। आपको बता दें शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के चलते दिल्ली में सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच वाहनों की आवाजाही कई दिनों से बंद है जिससे इस इलाके के आसपास रहने वाले लोगों के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब इससे परेशान लोगों ने इस रास्ते को खुलवाने के लिए प्रदर्शन भी किया है। सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सड़क संख्या 13ए पर यातायात बंद होने के चलते नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले लोगों से मथुरा रोड, आश्रम और डीएनडी मार्ग तथा बदरपुर से आने वालों को आश्रम चौक वाले मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील की गई थी। वहीं आवाजाही खुलवाने की मांग को लेकर दी गई याचिका में मांग की गई थी कि  सड़क बंद होने से रोजाना लाखों लोगों को कठिनाई होती है और वे पिछले एक महीने से अलग-अलग रास्तों से जाने के लिए बाध्य हैं। वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग पट्टी और ओखला अंडरपास को बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी। 


शाहीन बाग प्रदर्शन के बीच कहां से निकलेगा रास्ता?