शामली: कानफोडू संगीत कहीं बर्बाद न कर दे आपके बच्चे का भविष्य -यूपी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे बच्चे हो रहे बेहाल  -सहालग के कारण तेज आवाज से बजाए जा रहे हैं डीजे व बैंड बाजे


शामली: कानफोडू संगीत कहीं बर्बाद न कर दे आपके बच्चे का भविष्य


-यूपी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे बच्चे हो रहे बेहाल 


-सहालग के कारण तेज आवाज से बजाए जा रहे हैं डीजे व बैंड बाजे



शामली। हर कोई खुशियों में डीजे पार्टी व मस्ती शोर-शराबा करता है और कोई चाहकर भी किसी की खुशियों को कम नहीं करना चाहता लेकिन थोड़े समय का यह शोर-शराबा कहीं आपके बच्चे का भविष्य खराब ना कर दे क्योंकि मंगलवार से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं और इन दिनों सहालग के चलते कानफोडू संगीत छात्र-छात्राओं के जी का जंजाल बने हुए हैं। तेज आवाज में बज रहे बैंड बाजे छात्र-छात्राओं की पढाई में बाधक बन रहे हैं। छात्र-छात्राओं ने ऐसे कानफोडू संगीत से पढाई में आ रही बाधा को देखते हुए ध्वनि प्रदूषण पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है ताकि उनका भविष्य खराब न हो सके। जानकारी के अनुसार इन दिनों विवाह शादियों का माहौल है और हर कोई अपनी खुशी जताने के लिए शोर शराब करता है, चाहकर भी विवाह वाला परिवार अपनी खुशियों को कम नहीं करना चाहता। सहालग के चलते शहर में प्रतिदिन कोई न कोई शादी होती है जिसमें ऊंची आवाज में बैंड बाजे व डीजे बजाए जा रहे हैं, वहीं 18 फरवरी यानि मंगलवार से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी शुरू हो रही हैं जिसके लिए छात्र-छात्राएं दिन रात परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए हैं लेकिन तेज आवाज में बज रहे बैंड बाजे व डीजे उनकी तैयारी में बाधा पैदा कर रहे हैं जिससे उनकी पढाई प्रभावित हो रही है। शासन स्तर से तेज आवाज में लाउडस्पीकर व डीजे बजाए जाने पर रोक लगी हुई है लेकिन जिला प्रशासन इस ध्वनि प्रदूषण पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। नियम है कि रात को 10 बजे बाद तेज आवाज में ध्वनि प्रदूषण नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ लोग विवाह शादियों में लाउडस्पीकर बजाने के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं स्थानीय अधिकारियों से अनुमति तो प्राप्त कर लेते हैं लेकिन उसके बाद मानकों को ताक पर रखकर धज्जियां भी खूब उडाते हैं। जिला प्रशासन भी ऐसे ध्वनि प्रदूषण का पालन कराने में असमर्थ साबित हो रहा है जिसका खामियाजा परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्र-छात्राओं को उठाना पड रहा है। बैंड बाजों व डीजे की तेज आवाज से बच्चों की पढाई बाधित हो रही है जिससे उनकी परेशानियां बढ रही है। छात्र-छात्राओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कानफोडू संगीत से उनकी पढाई में आ रही बाधा को ध्यान में रखते हुए ध्वनि प्रदूषण पर तुरंत रोक लगाई जाए ताकि उनकी पढाई का नुकसान न हो सके। 


इन्होंने बताया-
इंटरमीडिएट की छात्रा पायल का कहना है कि मंगलवार से उनकी परीक्षा शुरू हो रही है लेकिन बैेंड बाजों व डीजे के कारण उनकी पढाई बाधित हो रही है। उनका घर एक मैरिज होम के निकट स्थित है जहां दिन व रात में तीन-चार बार बैंड बाजे व डीजे बजाए जा रहे हैं जिससे वे पढाई नहीं कर पा रही है। वहीं शुभम ने भी बताया कि शादियों में बजने वाले डीजे के कारण उसकी पढाई नहीं हो पा रही है। मंगलवार से उनकी परीक्षाएं शुरू हो रही हैं लेकिन ध्वनि प्रदूषण के कारण वह अपनी तैयारियां नहीं कर पा रहा है। दिन हो या रात शादियों में तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। जिला प्रशासन को छात्रों की परेशानी को देखते हुए देर रात तक होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगानी चाहिए। वहीं हाईस्कूल की परीक्षा की तैयारियों में जुटे शिवम शर्मा ने बताया कि वे परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर है लेकिन तेज आवाज में होने वाले ध्वनि प्रदूषण से उनकी पढाई में दिक्कत पैदा हो रही है, दिन हो या रात, तेज आवाज से उनका ध्यान बंट जाता है। वहीं राहुल ने भी अपनी परेशानी व्यक्त करते हुए बताया कि विवाह शादियों में तेज आवाज से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से उनकी पढाई का नुकसान हो रहा है।